बिहार टेट मार्कशीट की वैधता नहीं बढ़ेगी-केंद्र सरकार | TET Certificate Validity

बिहार टेट मार्कशीट की वैधता नहीं बढ़ेगी-केंद्र सरकार | TET Certificate Validity
बिहार टेट मार्कशीट की वैधता नहीं बढ़ेगी-केंद्र सरकार | TET Certificate Validity

बिहार में 26 अगस्त के कक्षा 1 से 8 तक के विद्यालयों में 1 लाख से भी अधिक शिक्षकों की बहाली होने जा रही है। जिसमें सिर्फ वही अभ्यर्थी ही आवेदन करने के लिये योग्य होंगे जिन्होंने TET पास कर रखा है। आपको बता दे बिहार में अभी तक 2 बार शिक्षक पात्रता परीक्षा का आयोजन हुआ है जिसमें पहली बार वर्ष 2012 में दूसरी शिक्षक पात्रता परीक्षा वर्ष 2017 में सरकार ने आयोजित की। आपको बता दे 2012 में पास अभ्यर्थियों के मार्कशीट की वैलिडिटी 7 वर्ष बीत जाने के बाद इसकी वैधता भी समाप्त हो गई थी। जिसके बाद बिहार सरकार ने इन टेट पास अभ्यर्थियों के मार्कशीट की वैलिडिटी (Validity) 2 वर्ष और बढ़ाने का फैसला लिया है। बिहार सरकार ने NCTE एवं केंद्र सरकार को पत्र भी लिखा है लेकिन अभी तक NCTE और केंद्र सरकार से कोई जवाब नहीं मिला है। वही दूसरी तरफ एक सवाल के जवाब दे रहे विधानसभा में सरकार ने यह जवाब देकर क्लियर कर दिया है कि अब TET सर्टिफिकेट की मान्यता नहीं बढ़ाई जाएगी। केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने क्लियर कर दिया है कि NCTE के गाइडलाइन के अनुसार TET यानी शिक्षक पात्रता परीक्षा के मार्कशीट की वैधता 7 वर्षों तक ही सीमित रहेगी। मतलब स्पस्ट हो गया है TET मार्कशीट की वैधता 7 वर्षों से ज्यादा नही बढ़ेगा।

बिहार टेट मार्कशीट की वैधता नहीं बढ़ेगी-केंद्र सरकार | TET Certificate Validity

बता दें कि 1 जून 2019 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई शिक्षा विभाग की बैठक में निर्णय लिया गया था कि TET और STET सर्टिफिकेट की वैलिडिटी (Validity)  अभी नही समाप्त होगी। इसके बाद शिक्षा विभाग ने बिहार टेट मार्कशीट की समय सीमा बैधता बढ़ाने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी थी जिससे टेट पास अभ्यर्थियों में काफी खुश थे।

किसकों होगा नुकसान इससे बिहार राज्य के लगभग 66 हजार शिक्षक पात्रता परीक्षा (TET) पास अभ्यर्थियों पर पड़ेगा इसका सीधा असर

बिहार टेट मार्कशीट की वैधता नहीं बढ़ेगी-केंद्र सरकार | TET Certificate Validity

आपको बता दें कि 2012 और 2017 में आयोजित TET परीक्षा में 1 लाख 11 हजार 484 अभ्यर्थी पास हुए थे। वही 2012 में पास हुए 65984 अभ्यर्थियों की वैधता समाप्त मई(May) में ही गई थी। ऐसे में वे शिक्षक नियुक्ति की प्रक्रिया में शामिल नहीं हो पाते। इसी वजह से बिहार सरकार ने उनकी वैधता दो वर्ष के लिए बढ़ाने का निर्णय लिया था। लेकिन अब केंद्र सरकार (Central Government) के इस पेंच के बाद बिहार सरकार (Bihar Government) एक बार फिर से मुश्किल में पड़ सकता है।.

niyojit shikshako के saman kaam saman vetan मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई 25 सिंतबर को


niyojit shikshako के saman kaam saman vetan मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई 25 सिंतबर को
niyojit shikshako के saman kaam saman vetan मामले पर सुप्रीम कोर्ट में अंतिम सुनवाई 25 सिंतबर को


बिहार के 3 लाख 65 हजार नियोजित शिक्षकों(niyojit shikshako) के समान काम व समान वेतन मामले पर सुनवाई
19 सितंबर को पूरी नहीं हो पाई अब पुनः इस मामले की अगली सुनवाई 25 सितंबर को निर्धारित की गई है। कोर्ट में
केंद्र सरकार(kendra sarkar) का पक्ष रखते हुए अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने एक बार फिर से दोहराया
कि बिहार के नियोजित शिक्षकों (niyojit shikshako) को समान काम के बदले समान वेतन नहीं दिया जा
सकता है। क्योंकि इसके दायरे में नियोजित शिक्षक(niyojit shikshak) नहीं आते हैं।जैसे कि आप सब जानते हैं
कि समान काम समान वेतन (saman kaam saman vetan) की सुनवाई अंतिम चरणों में है। राज्य के सभी शिक्षक संघों ने अपने अपने अधिवक्ताओं के माध्यम से
माननीय सर्वोच्च न्यायालय (suprime court) में शिक्षकों का पक्ष रखने में अपनी क्षमता अनुसार छाप रहे हैं।
अब इस मामले की सुनवाई अंतिम व निर्णायक स्थिति में है,नियोजित शिक्षकों (niyojit shikshakon) को समान काम के बदले समान वेतन मिलना तय है। अब तक कि सुनवाई से सभी शिक्षक संघ के प्रतिनिधि अवगत है कि इस मामले की सुनवाई को लेकर के अब
यह मामला अंतिम चरणों में है फैसला कभी भी हो सकता है।
समान काम समान वेतन (saman kaam saman vetan) का मामला निर्णायक स्थिति में पहुंच चुका है।
साथ ही माननीय सर्वोच्च न्यायालय (suprime court) ने भी अब हर तरह से इस मामले को समझ लिए है।
बता दें कि 19 सितंबर 2018 की सुनवाई अंत होने के समय माननीय न्यायाधीश के द्वारा यह स्पष्ट कर दी गई थी कि केंद्र सरकार (kendra sarkar) अटार्नी जनरल की बात समाप्त होने पर शिक्षकों की ओर से एक
अधिवक्ता ही सिर्फ जवाबी पक्ष रखेंगे इससे साफ जाहिर होता है कि समान काम समान वेतन
(saman kaam saman vetan) का फैसला हो सकता है।
शिक्षकों की ओर से कोई एक अधिवक्ता ही अपना पक्ष रखें यह बातें कह दी है इसीलिए
वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल (kapil sibbal) ही होंगे अटार्नी जनरल को जवाब न्यायालय
के समक्ष प्रस्तुत करेंगे। यह भी स्पष्ट कर दिया है कि इनके जवाब पक्ष से ही सभी अधिवक्ताओं का पक्ष सहमत होगा।
न्यायाधीश (justice) ने स्पष्ट कर दिया है कि इसके बाद राज्य सरकार के अधिवक्ता अपना कम समय में देंग
ताकि सुनवाई समाप्त हो सके बिहार के सभी शिक्षकों का मानना है 25 सितंबर को अंतिम सुनवाई ह
सुप्रीम कोर्ट (suprime court) में समान काम समान वेतन (saman kaam saman vetan) पर।

बिहार टेट पास एवं नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका-Niyojit Shikshak Suprime Court



बिहार टेट पास एवं नियोजित शिक्षकों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका -Niyojit Shikshak Suprime Court
Niyojit Shikshak Suprime Court


बिहार टेट व सीटेट उत्तीर्ण अभ्यार्थियों को सुप्रीम कोर्ट से बड़ा झटका लगा है। मामला नियोजित शिक्षकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे समान काम समान वेतन की सुनवाई से संबंधित है। बिहार के तीन लाख से ज्यादा नियोजित शिक्षकों को नियमित शिक्षकों के समान वेतनमान देने के मामले में केंद्र सरकार ने राज्य को अतिरिक्त आर्थिक सहायता देने से पल्ला झाड़ लिया है। अटार्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने जस्टिस यू यू ललित और ए एम सप्रे की पीठ उन्होंने कहा जो पैसा हम शिक्षा सेस के जरिये जमा करते है वह पैसा स्कूलों में बच्चों को मिड-डे मील मुहैया कराने के लिए ही पूरा नहीं हो पाता है। सरकार के आर्थिक स्थिति ऐसे नहीं है कि शिक्षकों को समान काम समान वेतन दे सके।

बिहार टेट पास अभ्यार्थी काफी लंबे समय से शिक्षक भर्ती प्रक्रिया शुरू होने का इंतजार कर रहे थे,इस संबंध में कई बार बिहार के मुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री से भी मिले अभ्यार्थियों ने पर सभी ने कहा समान काम समान वेतन का मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है फैसला आते ही बिहार में शिक्षक बहाली प्रक्रिया शुरू की जाएगी। हालांकि सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक समान काम समान वेतन का फैसला 11 सितंबर को होने वाले थे लेकिन 11 सितंबर को इस मामले की सुनवाई नहीं हो पाएगी। अब इस मामले की सुनवाई 18 सितंबर को निर्धारित की गई है। बिहार में शिक्षकों के 2 लाख सीटें खाली है वहीं यदि सुप्रीम कोर्ट से भी यदि नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन देने का आदेश दे दिया जाता है तो बिहार में शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया सुरु नहीं हो पाएंगे।

नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन मिलेगा तो क्या बिहार में शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू कर पाएगी।

ऐसे में सवाल यह भी है कि नियोजित शिक्षकों को समान काम के बदले समान वेतन मिलेगा तो क्या बिहार में शिक्षकों की बहाली प्रक्रिया शुरू कर पाएगी। यह तो आने वाले वक्त में ही पता चलेगा कि सरकार अपने वादे में कितना सफल हो पाए हैं। अब 18 सितंबर को इस मामले की सुनवाई होने वाली है और जानकारी के मुताबिक समान काम समान वेतन का अंतिम फैसला अक्टूबर में आने की संभावना है।

नियोजित शिक्षक भी राज्य कर्मी है, सुप्रीम कोर्ट-Niyojit teacher is also a state employee Supreme Court

सुप्रीम कोर्ट में 5 सिंतबर को अब नियोजित शिक्षकों के मामले में सुनवाई होनी है 30 अगस्त को सुनवाई के दौरान यह बताया गया था की नियोजित शिक्षक भी राज्य कर्मी है सुप्रीम कोर्ट में
Niyojit teacher is also a state employee Supreme Court


नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भी समान काम के लिए समान वेतन मामले में सुनवाई हुई अब इस मामले की पुनः सुनवाई 5 सिंतबर 2018 को होनी है। आपको बता दे 30 अगस्त की सुनवाई के दौरान नियोजित शिक्षकों की तरफ से वकीलों ने समान काम के लिए समान वेतन देने का पक्ष लेते हुए कहा कि जब शिक्षकों की योग्यता नियमित शिक्षकों के समान है,उनका वेतन भी उनके बराबर ही है,तो फिर वेतन एक समान क्यों नहीं है।

साथ ही तीन वकीलों ने शिक्षकों की तरफ से पक्ष रखते हुए कहा कि जब सरकार ही इसके लिए नियमावली तैयार करती है और उन्हें वेतन भी देती है। और यहाँ तक कि इनकी बहाली सूची तैयार करने से लेकर किए सभी काम सरकार के स्तर पर ही किया जाता है। यह पढ़ाते भी सरकार के ही स्कूलों में है तो फिर नगर पंचायत एवं नगर निकाय के शिक्षक कैसे माने जाएंगे। यह भी हर तरफ से सरकार के शिक्षक माने जाएंगे और इन्हें भी सरकारी शिक्षकों के समान वेतन मिलना चाहिए। यह भी सरकार के ही कर्मी है। इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं है।

गौरतलब है कि सरकार इन्हें पंचायत जिला परिषद या नगर निकायों का शिक्षक बताती है इन शिक्षकों को सीधे तौर पर अपना कर्मी मानने से इंकार करती है। इसी मामले में शिक्षकों की वकील ने हर तरह से दलील पेश करते हुए इसे सरकारी कर्मी बताया और इस आधार पर इन्हें भी समान काम के लिए समान वेतन देने का पूरी तरह से हकदार बताया।

अब इस मामले में अगली सुनवाई बुधवार अर्थात 5 सितंबर 2018 को होनी है। इस दिन भारत सरकार के अंटानी जर्नल वेणुगोपाल अपना पक्ष सर्वोच्च न्यायालय में रखेंगे इसकी संभावना हैं।