सुप्रीम कोर्ट में 5 सिंतबर को अब नियोजित शिक्षकों के मामले में सुनवाई होनी है 30 अगस्त को सुनवाई के दौरान यह बताया गया था की नियोजित शिक्षक भी राज्य कर्मी है सुप्रीम कोर्ट में
नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को भी समान काम के लिए समान वेतन मामले में सुनवाई हुई अब इस मामले की पुनः सुनवाई 5 सिंतबर 2018 को होनी है। आपको बता दे 30 अगस्त की सुनवाई के दौरान नियोजित शिक्षकों की तरफ से वकीलों ने समान काम के लिए समान वेतन देने का पक्ष लेते हुए कहा कि जब शिक्षकों की योग्यता नियमित शिक्षकों के समान है,उनका वेतन भी उनके बराबर ही है,तो फिर वेतन एक समान क्यों नहीं है।
साथ ही तीन वकीलों ने शिक्षकों की तरफ से पक्ष रखते हुए कहा कि जब सरकार ही इसके लिए नियमावली तैयार करती है और उन्हें वेतन भी देती है। और यहाँ तक कि इनकी बहाली सूची तैयार करने से लेकर किए सभी काम सरकार के स्तर पर ही किया जाता है। यह पढ़ाते भी सरकार के ही स्कूलों में है तो फिर नगर पंचायत एवं नगर निकाय के शिक्षक कैसे माने जाएंगे। यह भी हर तरफ से सरकार के शिक्षक माने जाएंगे और इन्हें भी सरकारी शिक्षकों के समान वेतन मिलना चाहिए। यह भी सरकार के ही कर्मी है। इसमें किसी तरह का भेदभाव नहीं है।
गौरतलब है कि सरकार इन्हें पंचायत जिला परिषद या नगर निकायों का शिक्षक बताती है इन शिक्षकों को सीधे तौर पर अपना कर्मी मानने से इंकार करती है। इसी मामले में शिक्षकों की वकील ने हर तरह से दलील पेश करते हुए इसे सरकारी कर्मी बताया और इस आधार पर इन्हें भी समान काम के लिए समान वेतन देने का पूरी तरह से हकदार बताया।
गौरतलब है कि सरकार इन्हें पंचायत जिला परिषद या नगर निकायों का शिक्षक बताती है इन शिक्षकों को सीधे तौर पर अपना कर्मी मानने से इंकार करती है। इसी मामले में शिक्षकों की वकील ने हर तरह से दलील पेश करते हुए इसे सरकारी कर्मी बताया और इस आधार पर इन्हें भी समान काम के लिए समान वेतन देने का पूरी तरह से हकदार बताया।
अब इस मामले में अगली सुनवाई बुधवार अर्थात 5 सितंबर 2018 को होनी है। इस दिन भारत सरकार के अंटानी जर्नल वेणुगोपाल अपना पक्ष सर्वोच्च न्यायालय में रखेंगे इसकी संभावना हैं।
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